पूरे विश्व में बाल्यावस्था को मानव विकास की एक प्राकृतिक अवस्था माना जाता है। वास्तव में हम बाल्यावस्था को जैविक विशेषताओं के आधार पर समझते हैं। छोटे बच्चे अपने जीवन के लिए पूरी तरह बड़ों पर निर्भर रहते हैं। शिशु न तो अपने आप आहार ले सकता है और न ही अपनी देखभाल कर सकता है। यदि नन्हें शिशु को बड़ों की देखभाल के बिना छोड़ दिया जाए तो उसकी मुत्यु स्वाभाविक है। जबकि पशुओं के बच्चे अधिक स्वयं समर्थ