उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण
उत्प्रेक्षा अलंकार वर्णनों में रुचि रखने वाले कवियों का प्रिय अलंकार रहा है। जहाँ कवि अपने वर्णन में अपूर्णता या अपर्याप्तता का अनुभव करता है, वहाँ वह उत्प्रेक्षा का प्रयोग करता है। ‘‘उत्प्रेक्षा शब्द के तीन खण्ड हैं: उत्+प्र+ईक्षा अर्थात उत्कट रूप से प्रकृष्ट (उपमान) की ईक्षा या सम्भावना। जहाँ उपमेय की उपमान के रूप में सम्भावना… Read More »