क्रियायोग क्या है?
महर्षि पतंजलि ने मध्यम कोटि के साधकों की चित्तशुद्धि के लिए क्रियायोग का उपदेश दिया है। यहाँ पर पाठकों के मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि साधक से क्या तात्पर्य है। बी.के.एस. आयंगर के अनुसार ‘‘साधक वह है जो अपने मन व बुद्धि को लगाकर क्षमतापूर्वक, समर्पण भाव से व एकचित्त होकर साधना… Read More »