हठयोग साधना के ऐतिहासिक विकास एवं परम्परा
हठयोग साधना के ऐतिहासिक विकास को हम दो परम्पराओं में बाँट सकतें है:- (1) परम्परानुसार विकास (2) ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक विकास। हठयोग साधना के ऐतिहासिक विकास परम्परानुसार विकास – परम्परानुसार हठ्योग साधना के विकास में ऐसी मान्यता चली आ रही है कि समस्त साधनों का मूल योग है, तप, जप, संन्यास, उपनिषद् ज्ञान आदि मोक्ष… Read More »